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मोटू जी की सुनो कहानी / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
आओ अंशू-रिक्की-रानी मोटू जी की सुनो कहानी।
मोटू जी करते रहते हैं नई-नई नित कारस्तानी।
मोटू गये देखने मेला।
मेले में टकराया ठेला।
टूट गया ठेले का पहिया।
मोटू बोले-ता-ता-थइया।
कहीं नहीं दिखता है हमको मोटू जी का कोई सानी।
आओ अंशू-रिक्की-रानी मोटू जी की सुनो कहानी।
सूट पहनकर मिस्टर मोटू।
गये खिंचाने अपनी फोटू।
मोटू गये चेयर पर लेट।
फोटू में बस आया पेट।
ऊँचे टीले-सी लगती है फोटू यह जानी-पहचानी।
आओ अंशू-रिक्की-रानी मोटू जी की सुनो कहानी।
मोटू बोले मैं बलवान।
मैं खींचूँ हाथी के कान।
तभी आ गया चूहा आगे।
मोटू चीखे डरकर भागे।
मोटू जी का हाल देखकर सबको हुई बहुत हैरानी।
आओ अंशू-रिक्की-रानी मोटू जी की सुनो कहानी।