मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मोरो चित बसय समोलिया रे
ओहि कुंज गलीमे
तीन रंग साड़ी पहिरलनि फल्लां छिनरो
लाल-पीअर हरिअर रे ओहि कुंज गलीमे
तीन रंग बर लग सुतलनि फल्लाँ छिनरो
भइया-सइँया ननदोसिया हे ओहि कुंज गलीमे
तीन रंग बेटा जनमौलनि फल्लाँ छिनरो
अबरा-झबरा चितकबरा हे ओहि कुंज गलीमे