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मौत की उम्र तो हो चली है / हैरॉल्ड पिंटर
Kavita Kosh से
मौत की उम्र तो हो चली है
पर उसके पंजे में अब भी दम है
पर मौत आपको निहत्था कर देती है
अपने पारदर्शी प्रकाश से
और वो इतनी चतुर है
कि आपको पता भी न चले
वो कहाँ आपके इंतज़ार में है
आपकी इच्छाशक्ति को मोह लेने को
और आपको निर्वस्त्र कर देने को
जब आप सज रहे हों क़त्ल करने को
पर मौत आपको मौका देती है
अपनी घड़ियाँ जमा लेने का
जब वो चूस रही हो रस
आपके सुंदर फूलों का
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल एकलव्य