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मौत की तलाशी लो / सारा शगुफ़्ता
Kavita Kosh से
बादलों में ही मेरी तो बारिश मर गई
अभी अभी बहुत ख़ुश लिबास था वो
मेरी ख़ता कर बैठा
कोई जाए तो चली जाऊँ
कोई आए तो रूख़्सत हो जाऊँ
मेरे हाथों में कोई दिल मर गया है
मौत की तलाशी मत लो
इंसान से पहले मौत ज़िंदा थी
टूटने वाले ज़मीन पर रह गए
मैं पेड़ से गिरा साया हूँ
आवाज़ से पहले घट नहीं सकती
मेरी आँखों में कोई दिल मर गया है .....