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मौत टलती है तो दिल दुखता है / शहाब सफ़दर
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मौत टलती है तो दिल दुखता है
जाँ सँभलती है तो दिल दुखता है
ख़्वाब झड़ जाते हैं पत्तों की तरह
रूत बदलती है तो दिल दुखता है
ख़ाक होने का सिला ख़ाक नहीं
शमअ् जलती है तो दिल दुखता है
चल चलाओ की हैं ज़द पर सारे
साँस चलती है तो दिल दुखता है
चाँद इक मांद हुआ जब से ‘शहाब’
रात ढलती है तो दिल दुखता है