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मौत हो गई सुबह की / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
मौत
हो गई
सुबह की
आँख खुलते खुलते
दिन-का-दिन
समाप्त हो गया
सूचना देते-देते
रचनाकाल: ११-०९-१९७०