भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मौलिकता / कात्यायनी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सृजन और प्‍यार और मुक्ति की
गतिकी के कुछ आम नियम होते हैं
लेकिन हर सर्जक
अपने ढंग से रचता है,

हर प्रेमी
अपने ढंग से प्‍यार करता है

और हर देश
अपनी मुक्ति का रास्‍ता
अपने ढंग से चुनता है।