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म्हे अर बै (2) / ओम पुरोहित ‘कागद’
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म्हे
घालता रैया बोट
अर
बै छापता रैया नोट
म्हारै पल्लै आज
साल दर साल
बोट ई बोट
अर बांरै पल्लै
अकरा अकरा नोट!