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म्हैं बड़भागी खरो, पण जोर कांई / सांवर दइया
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म्हैं बड़भागी खरो, पण जोर कांई
म्हैं दीवो म्हारी उमर भोर तांई
थां जोगो हूं’क नईं, थे ई जाणो
पग देख रोवूं, नाचूं मोर दांई
जद देखूं लेणायत ऊभा लाधै
घरां आवूं-जावूं म्हैं चोर दांई
धरती हरी हुई तो बा जाणै
म्हैं आया अर बरस्या लोर दांई
बीं हेत बीं अपणायत खातर आज
भटकै मन-राम शबरी बोर दांई