यदि बचपन में बाँधी प्रेम की डोर
बच्चे बड़े होकर
अपने कठोर व्यवहार की कैंची से नहीं काट देते
तो अपने ज्ञान और वैराग्य की पूँजी भी
लोग उन्हींको बाँट देते.
यदि बचपन में बाँधी प्रेम की डोर
बच्चे बड़े होकर
अपने कठोर व्यवहार की कैंची से नहीं काट देते
तो अपने ज्ञान और वैराग्य की पूँजी भी
लोग उन्हींको बाँट देते.