भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
यहाँ कुछ गड़बड़ है / ओरहान वेली
Kavita Kosh से
क्या रोज़ाना यहाँ समुद्र इतना ही सुन्दर होता है?
आसमान दिखाई देता है ऐसा ही?
हमेशा इतनी ख़ूबसूरती होती है
यह सामान, ये खिड़कियाँ?
नहीं’
भगवान क़सम, नहीं
लगता है, यहाँ कुछ गड़बड़ है...
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय