भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
यहाँ / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / ओक्ताविओ पाज़
Kavita Kosh से
इस सड़क पर पड़ते मेरे क़दम
प्रतिध्वनित होते हैं
एक दूसरी सड़क में
जहाँ से
मैं सुनता हूँ
अपने क़दमों की आवाज़
इस सड़क से गुज़रते हुए
जहाँ
कुछ नहीं
बस, धुन्ध ही वास्तविक है
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’