यह ग़म की अता कैसी अता है या रब
यह कोई सज़ा है कि जज़ा है या रब
इक आग का दरिया जो किनारों पे हो शांत
क्यों मुझको ही सिर्फ इस ने चुना है या रब।
यह ग़म की अता कैसी अता है या रब
यह कोई सज़ा है कि जज़ा है या रब
इक आग का दरिया जो किनारों पे हो शांत
क्यों मुझको ही सिर्फ इस ने चुना है या रब।