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यह देश हमारा है / मदनलाल मधु
Kavita Kosh से
हम भारत-भाग्य विधाता हैं
यह देश हमारा है
यह देश हमारा है ।
हमने सदियों की ज़ंजीरों को तोड़ गिराया है
हमने आज़ादी का झण्डा ऊँचा फहराया है
दे प्राण करें इसकी रक्षा यह ध्येय बनाया है,
भारत की जागृत जनता तो
अब बढ़ती धारा है,
यह देश हमारा है
यह देश हमारा है ।
अब हरे खेत लहराते हैं
बादल भी उमड़े आते हैं
तुम चूमो अपनी धरती को
मानो वे यही सिखाते हैं,
भारत माता की मिट्टी ने
बेटॊं को आज पुकारा है,
यह देश हमारा है
यह देश हमारा है ।
हम मिलकर यन्त्र चलाएँगे
हम मिलकर अन्न उगाएँगे
सुख-दुख में हाथ बँटाएँगे,
जो भूखे हैं, जो नंगे हैं
हम खाना उन्हें खिलाएँगे
तन पर कपड़ा पहनाएँगे
मिट्टी को सोना करने का
प्रण हमने धारा है,
यह देश हमारा है, देश हमारा,
यह देश हमारा है ।