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यह नरक है विश्वव्यापी / नरेन्द्र जैन
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					ये नरक है विश्वव्यापी 
देशव्यापी 
ज़र्रे-ज़र्रे में नरक यहाँ
कण कण में भगवान की तर्ज़ पर 
यहाँ कण-कण में मसीहा 
हरेक ज़र्रा पर्याय उसकी  
मसीहाई का 
सन् 1900 के चौथे दशक में 
जैसे हर यूहदी की पोशाक पर 
टाँगा गया था एक पीला सितारा 
वैसे ही 
इक्कीसवीं सदी के हालिया दशक में 
हर कमीज़, हर कोट, हर कुर्ते, 
हर पोलके और हर स्कर्ट में 
लगाई जाएगी सबको 
कमल के फूल की 
लचीली डण्डी
	
	