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यह पलाश के फूलने का समय है-2 / अनुज लुगुन

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यह पलाश के फूलने का समय है
रेत पर बने बच्चों के घरौन्दों से
उठ रहा है धुआँ
हवाओं में घुल रहा है बारूद
चट्टानों से रिसते पानी पर
सूरज की चमक लाल है और
जंगल की पगडंडियों में दिखाई पड़ता है दंतेवाड़ा
यह पलाश के फूलने का समय है ।

यह पलाश के फूलने का समय है ।
नियमगिरि से निकले नदी के तट पर
कन्दू पक कर लाल हैहट चुकी है मकड़े की जाली
गुफ़ाओं की ख़बर है
खदानों में वेदान्ता का विज्ञापन टँगा है,
साखू के सागर सारंडा की लहरों में
बिछ गई है बारूदी सुरंगें
हर दस्तक का रंग यहाँ लाल है ।

यह पलाश के फूलने का समय है।
दूर-दूर तक जगंल का
हर कोना पलाश है
साखू पलाश है
केन्दू पलाश है
पलाश आग है
आग पलाश है
जंगल में पलाश के फूल को देख
आप भ्रमित हो सकते हैं कि
जंगल जल रहा है
जंगल में जलते आग को देख
आप कतई न समझें पलाश फूल रहा है
यह पलाश के फूलने का समय है
और, जंगल जल रहा है।