भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
यात्रा/ नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
वहां पहुंचने के लिए
उछला नहीं
चढा जा सकता था
वहां से लौटने के लिए
कूदा नहीं
उतरा जा सकता था
उसने चढना स्वीकारा
वहां पहुंच गया
उतरना नहीं
लुढक गया