भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यात्रा - एक / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 

यात्राएं
हमेशा सुख देती हों या
कभी-कभी हताशा भी
इसका मलाल नहीं करना चाहिए
कभी अच्छे लोग होते हैं
कभी-कभी बुरे भी
अच्छे लोग
अपनी आदतों के कारण
अच्छे हैं
और बुरे लोग
अपने कर्मों के कारण
कभी कभी आपको
निकलना चाहिए
खुली हवा में
खुले विचार
मन को नई
ऊर्जा से भर देते हैं
मानो या ना मानो
निकलो घूमो
ठहरो देखो
बैठो ताको निहारो
चहको
चलो बैठो देखो
आहें लो
चाय की चुस्कियां
आपको
पूरी शिद्दत से
आत्मसात कर देती है
और
आप
उन अनुभूतियो के
हो कर रह जाते हो
और वे पल
सदा के लिए
आपकी स्मृति कलश
में तटस्थ