शाम के झुटपुटे में लेटा रहा 
चौंका फिर कुछ सुन 
कोई भिखारी बजाता रहा 
एक पुरानी धुन ।  
आख़िर कौन बजा रहा 
बाँसुरी पर यह धुन 
सुन चुका हूँ पहले कहाँ 
यह पुरानी धुन ? 
भिखारी तो फिर चला गया 
ख़ामोश हो गई रैन 
लेकिन वह लूट ले गया 
मेरा उम्र भर का चैन । 
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य