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या तो लोग तुम्हें प्यार करे हैं / नाज़िम हिक़मत
Kavita Kosh से
या तो लोग तुम्हें प्यार करे हैं,
या वो तुम्हारे दुश्मन हैं
या तो तुम यों विस्मृत होते
गोया तुम कभी थे ही नहीं
या फिर तुम एक पल के लिए,
दिल से बाहर जाते नहीं ...
काँच सा साफ़ सर्दी का एक बेदाग़ दिन
दाँत गड़ाना एक स्वस्थ सेब की पुष्ट-गौर देह पर
मेरी जान,
यह सांस लेने जैसा सुखदाई है
एक बर्फ़ीले
चीड़ वन में यह तुम्हें प्यार करना