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ये झोटे जूं राखै खोर सारा गेल होया था / अमर सिंह छाछिया

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ये झोटे जूं राखै खोर सारा गेल होया था।
ला थारै याद दुवा दूं जड़ै-जड़ै होया था।...टेक

ये बड़कै बीच म्हं करै काट इन नै जूत बजाया था।
बैकवर्ड और दलित यो अलग बणाया था।
सताईस परसेंट नौकरियां पै आरक्षण भी लाया था।
डॉ. अम्बेडकर का फोटू इन नै रोहतक म्हं फुड़ाया था।
उस हांसी म्हं भी चाली गोली वो एस.डी.एम. भी होया था।

जनता पार्टी आलां नै जगजीवन नेता बणाया था।
तकड़ी जीत होइ उसकी फुल बहुमत आया था।
ये थारे पै करै हकूमत इसनै दां लाया था।
चरण सिंह प्रधानमंत्री वो टक्कर म्हं ठायाा था।
एकदम बदलगे सारे इन नै धोखा दिया था।

इस बी.जे.पी. नै थारै पै चक्कू चलाया था।
इस संविधान नै बदलांगे इनै जोर लाया था।
कांशीराम नै यो समाज सुत्ता ऐ जगाया था।
इसकी बदली ना होणे देवां वो बब्बर शेर बबकारा था।
इस संविधान की गलती कोण सी वो राष्ट्रपति भी छोया था

अमरसिंह यो कहै बड़सी का इनै सारे दुख दिया था।
घर का राज बणाया इननै ना दूसरा लिया था।
इतणा जुल्म करो मत ना उस पूनिया नै भी कहा था।
एकदम गया सर के ऊपर वो भी धमकाया था।
इस जींद की रेली म्हं पूनिया का मुंह काला होया था।