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ये बच्चा नहीं, एक देश का मानचित्र है / गुँजन श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
मुझे भ्रम होता है कि एक दिन ये बच्चा
बदल जाएगा अचानक
‘मेरे देश के मानचित्र में’
और सर पर कश्मीर रख ढोता फिरेगा
सड़कों – चौराहों पर
भूख-भूख कहता हुआ
मुझे भ्रम है कि कल इसके
कन्धे पर उभर आएँगी
उत्तराखण्ड और पंजाब की आकृतियाँ
भुजाओं पर इसकी अचानक उग आएँगे
गुजरात और असम
सीने में धड़कते दिल की जगह ले लेगा
मध्यप्रदेश
नितम्बों को भेदते हुए निकल आएँगे
राजस्थान और उतरप्रदेश
पेट की आग से झुलसता दिखेगा
तेलंगाना
फटे चीथड़े पैजामे के घुटनों से झाँक रहे होंगे
आ्न्ध्र और कर्नाटक
और पावँ की जगह ले लेंगे केरल औऱ तमिलनाडु
जैसे राज्य ।
मैं जानता हूँ ये बच्चा कोई बच्चा नहीं
इस देश का मानचित्र है
जो कभी भी अपने असली रूप में आकर
इस मुल्क की धज्जियाँ उड़ा सकता है !