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ये समझना मुश्किल था / अनिल पुष्कर
Kavita Kosh से
घोषणा के बाद भी ये अन्दाज़ा लगाना मुश्किल था
कि गोली किधर से चलेगी
गोली चली
और ये बताना मुश्किल था
कि किधर से चली
कुछ सिपाही ढेर हुए और
अनुमान से कहीं ज़्यादा वनवासी
आदेश के बाद भी
ये ये समझना मुश्किल था कि
मारे गए लोगों की शिनाख़्त किस तरह करें
क्योंकि राष्ट्रीय ख़बर बनते-बनते
ये स्थानीय ख़बर बनी रही
कि जंगल में लगी
अब तक की सबसे भीषण आग है ।