योद्धा बनें, आज वतन की आस / सत्यवान सौरभ
लोग सभी खामोश हैं, दुबके सभी प्रधान!
सरकारी सेवक बनें, सब के दयानिधान!
कोरोना से लड़ रहे, भूलें आज थकान!
जज्बा इनका देखकर, ईश्वर है हैरान!
कामचोर जिनको कहा, माना सदा दलाल!
खड़े साथ हैं आपके, देखो वह हर हाल!
द्वारे-द्वारे हैं खड़े, सिविल सेवादार!
जीत-जीतकर मोर्चे, सांस रहे वह हार!
नेता के दौरे नहीं, सड़कें हैं सुनसान!
आकर तुमसे पूछते, अब वह सेवक ध्यान!
जिनको तुमने फाँसने, करतब किये हज़ार!
बचा रहें हैं आज वो, सपनों का संसार!
सौरभ हर पल लड़ रहे, विपद काल के शाह!
दिखा रहे तुमको सही, वक्त पड़े की राह!
नर-नर रोया दुःख में, कोय न बैठा पास!
कोरोना योद्धा बनें, आज वतन की आस!
कोरोना योद्धा सभी, करें यही अरदास!
सौरभ अब तो मानिये, उनके किये प्रयास!