लैकेॅ रंग-गुलाल सँ लाल करी लेॅ
अंग-अंगऽ के लाल, मन लाल करी लेॅ।
जड़-चेतन रंगी रंग कमाल करै छै
फल लागै छै मिट्ठऽ फलाल करीले
प्रश्न जत्तेॅ छै सबके निदानो करै
रंग में डुबी निज के निहाल करी लेॅ
रंग हमरऽ तोरऽ न´् सम्भे दिन ले बसंत यहाँ
मन रंगी के लाल कुसुम-लाल करीलेॅ
रंग मेंटै छै सबटा, जे युग में तिक्खऽ
छाल मौसम के गछिया केॅ लाल करी लेॅ। लैकेॅ...