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रंग-1 / जया जादवानी
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रंग बहते हैं
नीले घेरे के भीतर
मैं प्रतीक्षारत हूँ
तोड़कर घेरा
नीला घेरे लाल को
या लाल ही बढ़कर आगे
तोड़ दे तपस्या उसकी।