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रद्द-ए-अमल / साहिर लुधियानवी

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चंद कलियां निशात की चुनकर

मुद्दतों महवे यास रहता हूं

तेरा मिलना खुशी की बात सही

तुझ से मिलकर उदास रहता हूं