रागनी 16 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'
जंग म्हं शहीद हुए वीरों को म्हारा सत्-सत् है प्रणाम
उनकी आत्मा को दिए शांति हे त्रिलोकी भगवान
गोली चाली बम्ब पाटे वीरों के कदम रुके नहीं
इतिहास गवाह सै भारत के सैनिक कदे दुश्मन आगै झुके नहीं
आम्याँ स्यामी की लड़ी लड़ाई वै डर के मारे लुके नहीं
दुश्मन का भाई करा सफाया मौका बिल्कुल चुके नहीं
भारत के सैनिक थके नहीं-2 दुश्मन की ठा दी छान
जान की परवाह नहीं करी तिरंगे की लिहाज बचाई
घर कुणबे का ख्याल छोड़ कै जमकै लड़ी लड़ाई
टाईगर हिल पै चढकै करी दुश्मन तै हाथापाई
दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए इसी वीरता दिखाई
ना जागी याद भुलाई-2 वै करगे काम महान
सब देशां नै दोष लगाया पाकिस्तान पै
सब देशां म्हं छवि बिगड़गी लगा धब्बा शान पै
विजय हासिल करणा चाहवैं थे वै हिन्दुस्तान पै
वै फिरे भागते मुश्किल होगी आई आफत जान पै
भारत देश महान पै-2 शहीद हुए जो जवान
विजेन्द्र सिंह डोहकी आला हरि भजन म्हं लीन रहै
गम का मारया दुखियारा अपणे गम म्हं गमगीन रहै
कारगिल का आख्याँ आगै चौबीस घंटे सीन रहै
जो हर की भगती ना करता वह माणस बुद्धि हीन रहै
नहा धो कै मलीन रहै-2 जो ना करै हरि गुणगान
तर्ज-ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आखं में भरलो पानी