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रातें हैं रातों का क्या? / बलबीर सिंह 'रंग'
Kavita Kosh से
रातें हैं रातों का क्या?
कोई रात दूध की धोई
कोई रात तिमिर संग सोई
मावस को पूनम करने की
बातें हैं बातों का क्या है?
रातें हैं रातों का क्या?
एक रात मुस्कान सँजोती
दूजी रात, रात भर रोती
सौ-सौ रंग भरी रातों में
घातें हैं घातों का क्या है?
रातें हैं रातों का क्या?
महक रही रातों की रानी
करती ऋतुपति की अगवानी
पतझड़ पर पछतावा कैसा
तरु तो हैं पातों का क्या है?
रातें हैं रातों का क्या?