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रामक जोड़ी बनय जनकपुर / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
रामक जोड़ी बनय जनकपुर
छत्तीस कोटि दे दान यो
हाथी साजल घोड़ा साजल
साजल सय बरियात यो
एते बरियात कहा भए अंटकत
ई कुल हैत निन्दा यो
अगम संगम नदी खुनाएब
त्रिभुवन कर निज घाट यो
एते बरियात ओतहि भए अंटकत
सीताकेँ होयत विवाह यो
भेल विवाह श्री राम चलू कोबर
सीता लेल अंगुरि धराय यो
जे इहो सीता सम्मरि गाबि सुनाओत
तनिका हैत बैकुण्ठ बास यो