भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रामबाण औषधि / यारसा डैली-वार्ड / श्रीविलास सिंह
Kavita Kosh से
तुमने कहा मुझे मैं लगती हूँ प्रेत-बाधा ग्रस्त।
उस समय रात के 3 बजे थे और तुम तब भी
महसूस कर रहे थे तूफ़ान के बादलों की गंध मेरी त्वचा में
तुम शांत नहीं कर सकते अवसाद को प्रेम कर के।
लेकिन हमने कोशिश की।
लेकिन हमने कोशिश की।
ओह, हमने किया।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह