भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रामाज्ञा प्रश्न / सप्तम सर्ग / सप्तक १ / तुलसीदास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

राम लखनु सानुज भरत सुमिरत सुभ सब काज।
साहित प्रीति प्रतीति हित सगुन सकल सुभ काज॥१॥
श्रीराम, लक्ष्मण तथा छोटे भाई शत्रुघ्नजीके साथ भरतजीका स्मरण करनेसे सभी कार्य शुभ हो जाते हैं। साहित्य (मेल-जोल), प्रेम और विश्वासकी दृष्टिसे यह शकुन सब कार्योंका शुभ (सफल) होना बतलाता है॥१॥

सुख मुद मंगल कुमुद बिधु, सगुन सरोरुह भानु।
करहु काज सब सिद्धि प्रभु आनि हिएँ हनुमानु॥२॥
सुख आनन्द तथा मंगलरूपी कुमुदिनियोंके लिये चन्द्रमाके समान तथा शकुनरूपी कमलोंके लिये सुर्यके समान स्वामी श्रीहनुमानजीका हृदयमें लाकर कार्य करो, सब प्रकारकी सफलता मिलेगी॥२॥

राज काज मनि हेम हय राम रूप रबि बार।
कहब नीक जय लाभ सुभ सगुन समय अनुहार॥३॥
रविवारके दिन श्रीरामके स्वरूपका ध्यान करके राजकार्य मणि, स्वर्ण एवं घोडे़-सम्बन्धी प्रश्नश करो। में कहूँगा कि यह शकुन समयानुसार विजय, लाभ मंगल तथा भलाईकी दृष्टिसे शुभ है॥३॥

रस गोरस खेती सकल बिप्र काज सुभ साज।
राम अनुग्रहँ सोम दिन प्रमुदित प्रजा सुराज॥४॥
रस, गोरस, खेती, ब्राह्मणोंके कार्य तथा शुभ साजवटमे प्रश्न सोमवारको करे। श्रीरामकी कृपासे उत्तम शासन पाकर प्रजा आनन्दित रहेंगी॥४॥
(प्रश्न-फल शुभ है।)

मंगल मंगल भूमि हित, नृप हित जय संग्राम।
सगुन बिचारब समय सुभ, करि गुरु चरन प्रनाम॥५॥
मंगलवारको पृथ्वीके लिये, राजाके लिये, युद्ध (विवाद) में विजयके लिये गुरुदेवके चरणोंमे प्रणाम करके शकुनका विचार समयानुकूल एवं शुभ है, मंगलदायक है॥५॥

बिपुल बनिज बिद्या बसन बुध बिसेषि गृह काजु।
सगुन सुमंगल कहब सुभ सुमिरि सीय रघुराजु॥६॥
अनेक प्रकारके व्यापार, विद्या वस्त्र तथा विशेषताः घरके कार्योंकि लिये श्रीसीता-रामजीका स्मरण करके बुधवारको शकुन बतलाना शुभ है तथा मंगलदायी है॥६॥

गुरु प्रसाद मंगल सकल, राम राज सब काज।
जज्ञ बिबाह उछाह ब्रत, सुभ तुलसी सब साज॥७॥
गुरुदेव (वसिष्ठजी) की कृपासे श्रीरामके राज्यमें सभी कार्योंमें सब प्रकार मंगल होता था। तुलसीदासजी कहते हैं कि यज्ञ , विवाह उत्सव तथा व्रतके लिये गुरुवारको प्रश्नय करना सब प्रकार शुभ करनेवाला है॥७॥