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रामायण रो सार / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
मत भाग
कंचन म्रग रै लार
लांघसी
सीता
लिछमण कार
ले ज्यासी
फेर
रावण उठा‘र
ओ ही
रामायण रो सार
और तो
सगळो विसतार
कविसरां री
कलम रो चिमतकार !