भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राम-लीला गान / 28 / भिखारी ठाकुर
Kavita Kosh से
प्रसंग:
चारों भाई राम एवं चारों बहिन सीता का विवाह के लिए चउका चर बैठने की शोभा का वर्णन।
नैन सजन वाले दुलहवा राम।
चउका पर सोहत चारू दुलहा, बाँबाँ बगलिया में बाम-बाम-बाम।
सुर-तिय, पुर युवती लेके गावत गउरी-गनेस जी के नाम-नाम-नाम।
राम-लखन-रिपु सूदन-भरत के अवध नगरिया में धाम-धाम-धाम।
नाई ‘भिखारी’ कहत कर जोरी इनहीं से हमरा बा काम-काम-काम।