भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राम-लीला गान / 37 / भिखारी ठाकुर
Kavita Kosh से
प्रसंग:
चारों भाई जलपान करने के लिए मिथिलेस (जनकजी) के रनिवास में बुलाये गये हैं। सभी लोग उनके साथ होली खेल रहे हैं और सखियाँ गाली-गीत गा रही हैं।
मिथिलेस रनिवास में, अइलन अवध-बिहारी हो। मिथिलेस रनिवास में...
राम-लखन-रिपुसूदन-भरत के लागल बा नैन कटारी हो। मिथिलेस रनिवास में...
करन कलेऊ हेतु बोलवली बबुई सीता के महतारी हो। मिथिलेस रनिवास में...
गारी देत दिआवत सखियन से रामजी के सरहज-सारी हो। मिथिलेस रनिवास में...
कुँवरि-कुँवर के ताकि-ताकि मारत भरि-भरि रंग फिचकारी हो। मिथिलेस रनिवास में...
आठो जाम राम पद परि के गवलन फगुआ ‘भिखारी’ हो। मिथिलेस रनिवास में...