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राम और रोटी / रवि प्रकाश
Kavita Kosh से
जबसे "राम" और रोटी का नाम
साथ में लिया जाने लगा है
न जाने क्यों ऐसा लगता है
कि चौराहे पर खड़ी
एकलव्य की मूर्ति के,
तीर के सामने
शम्बूक को खड़ा कर दिया गया है
और हिटलर
मेरे तवे पर फूलती
रोटी पर नाच रहा है !