भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राम और लिछमन दसरथ जी के बेटे / हरियाणवी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

राम और लिछमन दसरथ जी के बेटे, दोनूं बन खण्ड मैं जां,
हेरी मन्नै राम मिले भगवान
एक बन चाले रामा दो बन चाले रामा, तीजै मैं लग आई प्यास,
हेरी मन्नै राम मिले भगवान
जोहड़ बी रीते रामा कुएं भी रीते, रीता सारा बनबास
हेरी मन्नै राम मिले भगवान
छोटा सा छोरा गऊए चरावै, एक घूंट पाणीड़ा पिला,
हेरी मन्नै राम मिले भगवान