रूडौ़ राजस्थान / महेन्द्रसिंह सिसोदिया 'छायण'
गूंजै गौरव गीतडा़, सांप्रत ऊंची शान|
कण-कण पसरै कीरती,रूडौ़ राजस्थान||
ऊंची राखै आबरू,मरजादा अर मान|
शान सदा ई सांतरी,रूडौ़ राजस्थान||
सजग देश रा सारथी,ऊभा हो अगवान|
भौम रूखाळण भोमिया,रूडौ़ राजस्थान||
आडावल ऊभौ अडग,गावै गौरव गान|
मौद भरावै मगरियां,रूडौ़ राजस्थान||
धवळा सोनळ धोरियां,ताळ सुणावै तान|
मगरा भाखर मौवणा,रूडौ़ राजस्थान||
मात भौम हित मौभियौं,परतख दीना प्राण|
धणियां री ऊजळ धरा, रूडौ़ राजस्थान||
गढा़ं मढा़ं अर गौखडा़ं,सांप्रत हैं सम्मान|
भाठे भाठे में भलो,रूडौ़ राजस्थान||
आंटीलां घण आकडा़ं,जाळ सुरंगी जांण|
रोहिडौ़ रळियावणौ,रूडौ़ राजस्थान||
फोग जठै हैं फूटरा,सैवण मुरधर शान|
बावळिया बळिहारणौ,रूडौ़ राजस्थान||
सूरवीर दातार सह,पीर औलिया पांण|
जग में देखो जगमगै,रूडौ़ राजस्थान||
अलगोजां गूंजै अठै,तंदूरां कर तान|
मंजीरां नड़ झांझरां,रूडौ़ राजस्थान||