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रेल / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
सिटी दे दी रेल ने
चलो चलो रे खेलने
मोहन तुम इंजन बन जाओ
सबके आगे चले चलो
पीछे सारे डिब्बे होंगे
उसमें बच्चे बैठे होंगे
मुन्ना, छीना, सोहन, बबलू
इन सबको भी लिए चलो
अब्दुल तुम तो गार्ड बनोगे
सबसे पीछे चलना होगा
झंडी हरी दिखा गाड़ी को
खड़े खड़े चलना होगा
सभी चलेंगे सभी चलेंगे
इसमें पूरे भारत वासी
सभी जाति के, सभी धर्म को
साधू भोगी और सन्यासी
पहुँच जायगी जल्दी काशी
सीटी दे दी रेल ने