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रोटी से समझाया गया / सैयद शहरोज़ क़मर
Kavita Kosh से
रोटी से समझाया गया
यूँ गोल होती है पृथ्वी
जिन्होंने रोटी नहीं देखी
उनके सामने चाँद था
इससे कई फ़ायदे हैं
इसकी शीतलता
इसकी रोशनी
इसका अकथनीय सौन्दर्य
और 'गुड़ का पुआ'
जीभ ने तत्क्षण होंठ का सहस्रों
किया विश्व रिकार्ड चुम्बन
गर्भतल में खदबदाया पुआ
चहलक़दमी हुई मस्तिष्क में
और मोनालिसा से प्रेरित
पलकें मुस्काईं
अब उसे
फलमण्डी में लटकती
नाशपाती
कुछ-कुछ दिखने लगी है।
12.08.1997