भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रोपल दाओन फूल लोढ़ियो ने भेल / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
रोपल दाओन फूल लोढ़ियो ने भेल
पिया परदेश गेल देखियो ने भेल
देखलौं मे देखलौं हाजीपुर बजार
बारी रे बंगालिन बेटी खेलय जुआसारि
मरिहौ बंगालिन बेटी तोरो जेठ भाइ
हमरो बालमु जी के राखल लोभाइ
भनहि विद्यापति गाओल वसन्त
ककरहु होइ जनु अमरुख कन्त