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लटक रये मड़ माझ लौंग के बिरछा झालरे हो महाराज / बुन्देली

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लटक रये मड़ माझ लौंग के बिरछा झालरे हो महाराज।
कौना लगा दई मैया बेला औ चमेली सो कौना ने लाल अनार।
लौंग के बिरछा झालरे हो महाराज।
मलिया लगा दई मैया बेला औ चमेली मालिन लाल अनार
लौंग के बिरछा ....
काये कें सीचों मैया बेला औ चमेली सो काये कैं लाल अनार मोरी माता
लौंग के बिरछा ....
ददुअन सीचौं मया बेला औ चमेली सो झमृत लाल अनार।
लौंग के बिरछा ....
कै फुल फूलै मैया बेला औ चमेली सो कै फुल लाल अनार।
मोरी माता जगतारिन माँ लौंग के बिरछा ....
नौ फुल फूले मैया बेला औ चमेली सो दस फुल लाल अनार
मोरी माता लौंग के बिरछा ....
किये चढ़ा दऊँ बेला औ चमेली कौना को लाल अनार।
देवी जू चढ़ा देऔ बेला औ चमेली सो लँगुरे लाल अनार।
मोरी माता जगतारन माँ लौंग के बिरछा ....