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लड़कियां (1) / हरीश बी० शर्मा

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लड़कियां
जाने कब
बड़ी हो जाती है
बहुत बाद
जब
जताने लगती हैं
परिर्वतनों की अहमियत
पता चलता है
हो गई है बड़ी
बन गई है औरत
बंट जाते हैं खिलाड़ी बचपन के
दायरों में अपने-अपने
बदल जाते हैं खेल भी
मैदान भी।