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लड़ाई के समाचार / नवीन सागर
Kavita Kosh से
लड़ाई के समाचार
दूसरे सारे समाचारों को दबा देते हैं
छा जाते हैं
शांति के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए
हम अपनी उत्तेजना में
मानों चाहते हैं
युद्ध जारी रहे.
फिर अटकलों और सरगर्मियों का दौर
जिसमें
फिर युद्ध छिड़ने की गुंजाइश दिखती है.
युद्ध रोमांचित करता है!
ध्वस्त आबादियों के चित्र
देखने का ढंग
बाद में शर्मिंदा करता है अकेले में.
कैसे हम बचे रहते हैं
और हमारा विश्वास बचा रहता है
कि हम बचे रहेंगे.