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लबिकऽ चलहिन गे जटिन / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लबिकऽ चलहिन गे जटिन
लबिकऽ चलहिन गे
आगे, जहिना लबै काँच करचिया
तहिना लबही गे
नहिये लबबौ रे जटा
नहिये लबबौ रे
हम तऽ बाबा के दुलारी धीया
तनिकऽ चलबौ रे
लबिकऽ चलहिन गे जटिन
लबिकऽ चलहिन गे जटिन
लबिकऽ चलहिन गे
आगे जहिना लबै बेंतक छड़िया
तहिना लबही गे
नहिये लबबौ रे जटा
नहिये लबबौ रे
हम तऽ अम्मा के दुलारू धीया
नहिये लबबौ रे
लबिकऽ चलहिन गे जटिन
लबिकऽ चलहिन गे
आगे, जहिना लबै केराक घौरा
तहिना लबहीन गे
नहिये लबबौ रे जटा
नहिये लबबौ रे
आगे, जहिना चलतै बांसक कोपड़
तहिना चलबौ रे
मारबे करबौ गे जटिन
पिटबे करबौ गे
हमरा बाबा के दुलारू पुतोहुआ
लबिकऽ चलबै गे