यहाँ हर हृदय का स्वागत, सदा होता हृदय से है।
मगर ललकार का स्वागत, सदा तलवार करती है।।
तुम्हें कर तो क्षमा देते; मगर बदला चुकाने को-
हमारे देश की धरती हमें लाचार करती है।।
यहाँ हर हृदय का स्वागत, सदा होता हृदय से है।
मगर ललकार का स्वागत, सदा तलवार करती है।।
तुम्हें कर तो क्षमा देते; मगर बदला चुकाने को-
हमारे देश की धरती हमें लाचार करती है।।