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लेखजोग / कुंदन माली

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किस्मत रा फोड़ा
जे होवता
अमल रा डोड़ा
भाटा माथै तोड़
घोल़ता
पी जावता

पण जे
किस्मत
अमल ईज
होवती
किण रै घर
मांडती मोखण
किण रै घर
रोवती ?