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लेखो-जोखो / सांवर दइया

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सांसां नै चींथै है सांसां
हाथां नै बाढै है हाथ
आदमी री छाती माथै
पग टेक्यां ऊभो है
आदमी
देखो तो सरी
मिनख कित्ती
तरक्की कर रैयो है ।