भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ले ले मंदा बिक रहा, सौदा अति अनमोल / गंगादास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ले ले मंदा बिक रहा, सौदा अति अनमोल ।
भर लेजा मन मान तू, बिना तुलाई तोल ।।

बिना तुलाई तोल लगे ना कौड़ी खरचा ।
नफ़ा सौ गुना होय बही या देखो परचा ।।

गंगादास कह चाहे मुझे कोई जामिन दे ले ।
नाम राम बिन, तोल बिन सौदा ले ले ।।