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लोकतन्त्र का मतलब / कुँअर रवीन्द्र
Kavita Kosh से
मली हुई तम्बाखू
होठ के नीचे दबाते हुए
उसने पूछा
अरे भाई ! लोकतन्त्र का मतलब समझते हो ?
और सवाल ख़त्म होते ही
संसद की दीवार पर
पीक थूक दी
थोड़ी दूर पर
उसी दीवार को
टाँग उठाए एक कुता भी गीला कर रहा था
लोकतन्त्र का अर्थ
सदृश्य मेरे सामने था